कुछ उनकी कहानी हमारी जुबानी
कुछ उनकी कहानी, हमारी जुबानी
कुछ उनकी है कहानी
जो अपने जुबानी बताती हूँ।
भले है गन्दा सुनने में,
आज इनकी कीमत बताती हूँ।
भारत की बेटियां जो,
कुछ हद तक सुरक्षित हैं।
इन सब क़े लिये सरकार नहीं,
वैश्याओ का भी कुछ एहसान हैं।
कुछ पैसो क़े लिये,
भले ही अपना तन -बदन बेचती हैं।
जो लोग मासूमों को नोचते हैं।
कुछ हद तक उनके हवस को ठंडक देती हैं।
अगर ये आज ना होती,
तो देश की हालत कुछ और होती,
आज एक हवस का शिकार होती हैं,
तब करोड़ों हवस का शिकार होती।
भले ही कुछ पैसों क़े लिये अपने तन को बेचती हैं,
भले वो बेचारी है
पर समाज बचाती नारी हैं।
चलो उनका सम्मान करें।
कुछ उनका गुणगान करें।
जो बात किसी ने सोचा समझा,
वो बात हमने बतायी हैं।
आज कहो या सदियों से,
कुछ नारियों की ज़िन्दगी तो वैश्याओ ने बचायी हैं।
प्रिया पाण्डेय "रोशनी "
Shalini Sharma
21-Sep-2021 02:59 PM
Very nice
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Gunjan Kamal
21-Sep-2021 02:18 PM
बेहतरीन प्रस्तुति
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